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अमेरिका का भारत, इंडोनेशिया और लाओस के सोलर सेल्स पर एंटी-डंपिंग और काउंटरवेलिंग ड्यूटी जांच: कारण, प्रक्रिया और प्रभाव अमेरिका का भारत, इंडोनेशिया और लाओस के सोलर सेल्स पर एंटी-डंपिंग और काउंटरवेलिंग ड्यूटी जांच: कारण, प्रक्रिया और प्रभाव

"अमेरिका का भारत, इंडोनेशिया और लाओस के सोलर सेल्स पर एंटी-डंपिंग और काउंटरवेलिंग ड्यूटी जांच: कारण, प्रक्रिया और प्रभाव"

 

परिचय

वैश्विक व्यापार व्यवस्था में भ्रामक और असमान व्यापार नीतियाँजैसे कि "डंपिंग" (Dumping) और "अनुचित सब्सिडी" (Unfair Subsidy)—अक्सर घरेलू उद्योगों को भारी नुकसान पहुँचाती हैं। इनसे निपटने के लिए अमेरिका में AD (Antidumping Duty) और CVD (Countervailing Duty) के नियम लागू होते हैं। हाल ही में, 7 अगस्त 2025 को, अमेरिकी वाणिज्य विभाग ने इस प्रणाली के अंतर्गत महत्वपूर्ण जांचों की शुरुआत की है। आइए विस्तार से समझते हैं कि ये जांच क्यों, कैसे और किस दिशा में आगे बढ़ेंगी।


जांच की शुरुआत: क्या हुआ?

  • दिनांक: 7 अगस्त 2025 को अमेरिकी वाणिज्य विभाग (U.S. Department of Commerce) ने आधिकारिक रूप से घोषणा की कि उसने क्रिस्टलाइन सिलिकॉन फोटोवोल्टाइक सेल्स (चाहे मॉड्यूल में असेंबल हों या हों) के लिए AD और CVD जांच शुरू कर दी हैजो भारत, इंडोनेशिया, और लाओ पीपुल्स डेमोक्रेटिक रिपब्लिक (लाओस) से आयातित हैं Source Trade.gov
  • शिकायतकर्ता (Petitioner): इस मामले में याचिका दाता है Alliance for American Solar Manufacturing and Trade, जिसमें शामिल हैं:
    • Hanwha Q CELLS USA Inc. (Dalton, Georgia)
    • First Solar Inc. (Tempe, Arizona)
    • Mission Solar Energy LLC (San Antonio, Texas) Source Trade.gov
  • मामले के केस नंबर:
    • भारत: AD—A-533-942 ; CVD—C-533-943
    • इंडोनेशिया: AD—A-560-846 ; CVD—C-560-847
    • लाओस: AD—A-553-003 ; CVD—A-553-004 Source Trade.gov

आरोपडंपिंग (Dumping) और सब्सिडी (Subsidy)

डालपिंग (Dumping)

  • डंपिंग मार्जिन्सअमेरिका ने निम्नानुसार आरोप लगाया है कि ये सोलर सेल्स अमेरिकी बाजार में उनके "न्याइपूर्ण मूल्य (fair value)" से काफी कम पर बेचे जा रहे हैं:
    • भारत: 123.04%
    • इंडोनेशिया: 94.36%
    • लाओस: 123.12% से 190.12% तक Source Trade.gov

सब्सिडी (Subsidy)

  • वाणिज्य विभाग का दावा है कि ये उत्पादde minimisसे ऊपर की सब्सिडी प्राप्त कर रहे हैंजिसे आमतौर पर "विकसित देशों के लिए <1% और विकासशील देशों के लिए <2%" माना जाता है  Source Trade.gov

आयात आँकड़े (Import Statistics)

अमेरिकी बाजार में भारत, इंडोनेशिया और लाओस से ये क्रिस्टलाइन सिलिकॉन सोलर सेल्स कितनी मात्रा में और किस मूल्य पर प्रवेश कर रहे हैं, इसका डेटा (HTSUS के अनुसार) निम्नलिखित है:

देश

वर्ष

मात्रा (Watts)

मूल्य (USD)

भारत

2022

232,420,657

$83,865,782

2023

2,048,966,887

$760,758,424

2024

2,297,306,441

$792,648,250

इंडोनेशिया

2022

499,111,415

$177,534,244

2023

521,853,649

$171,941,991

2024

1,803,822,463

$415,198,361

लाओस

2022

0

$0

2023

44,629

$6,694

2024

1,908,207,876

$335,737,293

ये आंकड़े इस बात को दर्शाते हैं कि विशेष रूप से 2023 और 2024 में तीनों देशों से सोलर सेल्स की निर्यातित मात्रा में तेज़ी से इज़ाफ़ा हुआ हैजो अमेरिकी उद्योग और नीति निर्माताओं के लिए चिंता का विषय हो सकता है Source Trade.gov


अगले चरण: जांच की प्रक्रिया और समयसीमा

आई.टी.सी. की भूमिका (International Trade Commission)

  • आई.टी.सी. (ITC) को प्रारंभिक चोट (preliminary injury) का निर्णय 2 सितंबर 2025 तक देना है Source Trade.gov
  • यदि आई.टी.सी. सकारात्मक (affirmative) निर्णय देती हैयानि अमेरिका के घरेलू सोलर उद्योग को नुकसान हुआ हैतो अगली कार्रवाई की दिशा निर्धारित होगी।

वाणिज्य विभाग (Commerce Department) की प्राथमिक और अंतिम जांच:

  1. CVD (सब्सिडी जांच):
    • प्रारंभिक निर्णय आने की संभावित तिथि: 13 अक्टूबर 2025 Source Trade.gov
  2. AD (डंपिंग जांच):
    • प्रारंभिक निर्णय की संभावित तिथि: 26 दिसंबर 2025 Source Trade.gov
  • यह ध्यान देने योग्य है कि ये समयसीमाएं कानून द्वारा निर्धारित हैं लेकिन कुछ परिस्थितियों में बढ़ाई भी जा सकती हैं।

नोट: यदि ITC नकारात्मक निर्णय देयानि घरेलू उद्योग को कोई चोट नहीं हुईतो जांच वहीं समाप्त हो जाएगी, और कोई ड्यूटी नहीं लगाई जाएगी Source Trade.gov+1


प्रक्रिया का पूरा परिदृश्य—FAQs से स्पष्टता

AD/CVD जांच कैसे शुरू होती है?

  • यदि किसी अमेरिकी उद्योग या मजदूरी समूह (जैसे याचिका दाता Alliance for American Solar Manufacturing and Trade) की याचिका आवश्यक प्रमाणों के साथ जमा हो जाती है, तो वाणिज्य विभाग जांच शुरू करता है Source Trade.gov
  • जांच के दौरान वाणिज्य विभाग:
    • विदेशी उत्पादकों और सरकारों को प्रश्नावली (questionnaire) भेजता है।
    • इसके आधार पर डेटा एकत्रित किया जाता है।
    • सभी हितधारकों को तथ्य और दलील प्रस्तुत करने का मौका मिलता है Source Trade.gov
  • फिर ITC की प्रारंभिक चोट जांच होती हैयदि वह सकारात्मक होती है तो वाणिज्य विभाग अपनी जांच आगे बढ़ाता है Source Trade.gov+1

प्रारंभिक निर्णय का क्या प्रभाव होता है?

  • प्रारंभिक AD या CVD निर्णय आने पर, यदि सकारात्मक होता है:
    • U.S. Customs and Border Protection (CBP) को निर्देश दिया जाता है कि उस समय से ही आयात पर "कैश डिपॉजिट" (प्रारंभिक शुल्क) लगाना शुरू कर दिया जाए Source Trade.gov
    • यह शुल्क आमतौर पर चार महीने तक लागू रहता है।

अंतिम निर्णय के बाद:

  • निर्णय सार्वजनिक होकर अधिकारियों द्वारा न्यायसंगत ढंग से जांच-समाप्ति के बाद अंतिम ड्यूटी दरें घोषित की जाती हैं।
  • यदि अंतिम निर्णय सकारात्मक होता है, तो स्थायी ड्यूटी आदेश (orders) लागू हो जाते हैं; अन्यथा मामला समाप्त हो जाता है Source Trade.gov+2Trade.gov+2

व्यापार, नीति और भारत पर संभावित प्रभाव

1. मूल्य कीमतों और प्रतिस्पर्धा पर असर

  • यदि AD/CVD लगते हैं, तो भारत, इंडोनेशिया और लाओस से निर्यात महँगा हो जाएगा।
  • इसका अर्थ है कि अमेरिकी खरीदारों कोसोलर पैनल तैयार करने वाले निर्माता या इंस्टॉलरमहंगी सामग्री खरीदनी पड़ेगी, जो अखिल अमेरिकी कीमतों में वृद्धि का कारण बन सकती है।

2. भारतीय सोलर उद्योग के लिए चुनौती

  • AD/CVD लागू होने से भारत से अमेरिका को निर्यात महँगा होकर कम आकर्षक हो सकता है।
  • भारतीय निर्यातकों को या तो लागत में कमी लानी होगी, या शुरुआत में शिपमेंट मॉडल या लक्ष्य बाजारों को बदलना हो सकता है।

3. वैश्विक व्यापार रणनीति की परख

  • यह कदम दिखाता है कि कैसे अमेरिका "उद्योग सुरक्षा" को बढ़ावा देने के लिए व्यापारिक उपाय अपनाता है।
  • यह नीति निर्माताओं को इस ओर इंगित करता है कि संयुक्त वैश्विक सप्लाई चेन के दौर में, प्रतिस्पर्धा और व्यापार संबंध नीति-निर्माता दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण रहेगी।

निष्कर्ष (Summary)

इस ब्लॉग में हमने विस्तारपूर्वक देखा:

  1. क्या हुआ?
    अमेरिका ने 7 अगस्त 2025 को भारत, इंडोनेशिया और लाओस से क्रिस्टलाइन सिलिकॉन सोलर सेल्स पर AD और CVD जांच शुरू कर दी।
  2. क्यों?
    आरोप है कि ये उत्पाद "डंपिंग" (न्यायिक मूल्य से बहुत कम कीमत) पर बेचे जा रहे हैं, और "डे मिनिमिस से ऊपर" सब्सिडी प्राप्त कर रहे हैं।
  3. कैसे आगे बढ़ेगा?
    • आई.टी.सी. (ITC) का प्रारंभिक निर्णय: ख़त्म समय2 सितंबर 2025
    • सकारात्मक होने पर, वाणिज्य विभाग की प्रारंभिक CVD—13 अक्टूबर 2025, AD—26 दिसंबर 2025
    • अंतिम निर्णयों के बाद शुल्क लागू या जांच समाप्त होगी।
  4. परिणाम और प्रभाव
    • निर्धारित ड्यूटी लागू होने पर अमेरिकी बाजार में भारतीय सोलर उत्पाद महँगे हो सकते हैं।
    • यह भारत समेत अन्य देशों के निर्यातकों के व्यापार निर्णयों को प्रभावित कर सकता है।

 

"अमेरिका का भारत, इंडोनेशिया और लाओस के सोलर सेल्स पर एंटी-डंपिंग और काउंटरवेलिंग ड्यूटी जांच: कारण, प्रक्रिया और प्रभाव"

 

परिचय

वैश्विक व्यापार व्यवस्था में भ्रामक और असमान व्यापार नीतियाँजैसे कि "डंपिंग" (Dumping) और "अनुचित सब्सिडी" (Unfair Subsidy)—अक्सर घरेलू उद्योगों को भारी नुकसान पहुँचाती हैं। इनसे निपटने के लिए अमेरिका में AD (Antidumping Duty) और CVD (Countervailing Duty) के नियम लागू होते हैं। हाल ही में, 7 अगस्त 2025 को, अमेरिकी वाणिज्य विभाग ने इस प्रणाली के अंतर्गत महत्वपूर्ण जांचों की शुरुआत की है। आइए विस्तार से समझते हैं कि ये जांच क्यों, कैसे और किस दिशा में आगे बढ़ेंगी।


जांच की शुरुआत: क्या हुआ?

  • दिनांक: 7 अगस्त 2025 को अमेरिकी वाणिज्य विभाग (U.S. Department of Commerce) ने आधिकारिक रूप से घोषणा की कि उसने क्रिस्टलाइन सिलिकॉन फोटोवोल्टाइक सेल्स (चाहे मॉड्यूल में असेंबल हों या हों) के लिए AD और CVD जांच शुरू कर दी हैजो भारत, इंडोनेशिया, और लाओ पीपुल्स डेमोक्रेटिक रिपब्लिक (लाओस) से आयातित हैं Source Trade.gov
  • शिकायतकर्ता (Petitioner): इस मामले में याचिका दाता है Alliance for American Solar Manufacturing and Trade, जिसमें शामिल हैं:
    • Hanwha Q CELLS USA Inc. (Dalton, Georgia)
    • First Solar Inc. (Tempe, Arizona)
    • Mission Solar Energy LLC (San Antonio, Texas) Source Trade.gov
  • मामले के केस नंबर:
    • भारत: AD—A-533-942 ; CVD—C-533-943
    • इंडोनेशिया: AD—A-560-846 ; CVD—C-560-847
    • लाओस: AD—A-553-003 ; CVD—A-553-004 Source Trade.gov

आरोपडंपिंग (Dumping) और सब्सिडी (Subsidy)

डालपिंग (Dumping)

  • डंपिंग मार्जिन्सअमेरिका ने निम्नानुसार आरोप लगाया है कि ये सोलर सेल्स अमेरिकी बाजार में उनके "न्याइपूर्ण मूल्य (fair value)" से काफी कम पर बेचे जा रहे हैं:
    • भारत: 123.04%
    • इंडोनेशिया: 94.36%
    • लाओस: 123.12% से 190.12% तक Source Trade.gov

सब्सिडी (Subsidy)

  • वाणिज्य विभाग का दावा है कि ये उत्पादde minimisसे ऊपर की सब्सिडी प्राप्त कर रहे हैंजिसे आमतौर पर "विकसित देशों के लिए <1% और विकासशील देशों के लिए <2%" माना जाता है  Source Trade.gov

आयात आँकड़े (Import Statistics)

अमेरिकी बाजार में भारत, इंडोनेशिया और लाओस से ये क्रिस्टलाइन सिलिकॉन सोलर सेल्स कितनी मात्रा में और किस मूल्य पर प्रवेश कर रहे हैं, इसका डेटा (HTSUS के अनुसार) निम्नलिखित है:

देश

वर्ष

मात्रा (Watts)

मूल्य (USD)

भारत

2022

232,420,657

$83,865,782

2023

2,048,966,887

$760,758,424

2024

2,297,306,441

$792,648,250

इंडोनेशिया

2022

499,111,415

$177,534,244

2023

521,853,649

$171,941,991

2024

1,803,822,463

$415,198,361

लाओस

2022

0

$0

2023

44,629

$6,694

2024

1,908,207,876

$335,737,293

ये आंकड़े इस बात को दर्शाते हैं कि विशेष रूप से 2023 और 2024 में तीनों देशों से सोलर सेल्स की निर्यातित मात्रा में तेज़ी से इज़ाफ़ा हुआ हैजो अमेरिकी उद्योग और नीति निर्माताओं के लिए चिंता का विषय हो सकता है Source Trade.gov


अगले चरण: जांच की प्रक्रिया और समयसीमा

आई.टी.सी. की भूमिका (International Trade Commission)

  • आई.टी.सी. (ITC) को प्रारंभिक चोट (preliminary injury) का निर्णय 2 सितंबर 2025 तक देना है Source Trade.gov
  • यदि आई.टी.सी. सकारात्मक (affirmative) निर्णय देती हैयानि अमेरिका के घरेलू सोलर उद्योग को नुकसान हुआ हैतो अगली कार्रवाई की दिशा निर्धारित होगी।

वाणिज्य विभाग (Commerce Department) की प्राथमिक और अंतिम जांच:

  1. CVD (सब्सिडी जांच):
    • प्रारंभिक निर्णय आने की संभावित तिथि: 13 अक्टूबर 2025 Source Trade.gov
  2. AD (डंपिंग जांच):
    • प्रारंभिक निर्णय की संभावित तिथि: 26 दिसंबर 2025 Source Trade.gov
  • यह ध्यान देने योग्य है कि ये समयसीमाएं कानून द्वारा निर्धारित हैं लेकिन कुछ परिस्थितियों में बढ़ाई भी जा सकती हैं।

नोट: यदि ITC नकारात्मक निर्णय देयानि घरेलू उद्योग को कोई चोट नहीं हुईतो जांच वहीं समाप्त हो जाएगी, और कोई ड्यूटी नहीं लगाई जाएगी Source Trade.gov+1


प्रक्रिया का पूरा परिदृश्य—FAQs से स्पष्टता

AD/CVD जांच कैसे शुरू होती है?

  • यदि किसी अमेरिकी उद्योग या मजदूरी समूह (जैसे याचिका दाता Alliance for American Solar Manufacturing and Trade) की याचिका आवश्यक प्रमाणों के साथ जमा हो जाती है, तो वाणिज्य विभाग जांच शुरू करता है Source Trade.gov
  • जांच के दौरान वाणिज्य विभाग:
    • विदेशी उत्पादकों और सरकारों को प्रश्नावली (questionnaire) भेजता है।
    • इसके आधार पर डेटा एकत्रित किया जाता है।
    • सभी हितधारकों को तथ्य और दलील प्रस्तुत करने का मौका मिलता है Source Trade.gov
  • फिर ITC की प्रारंभिक चोट जांच होती हैयदि वह सकारात्मक होती है तो वाणिज्य विभाग अपनी जांच आगे बढ़ाता है Source Trade.gov+1

प्रारंभिक निर्णय का क्या प्रभाव होता है?

  • प्रारंभिक AD या CVD निर्णय आने पर, यदि सकारात्मक होता है:
    • U.S. Customs and Border Protection (CBP) को निर्देश दिया जाता है कि उस समय से ही आयात पर "कैश डिपॉजिट" (प्रारंभिक शुल्क) लगाना शुरू कर दिया जाए Source Trade.gov
    • यह शुल्क आमतौर पर चार महीने तक लागू रहता है।

अंतिम निर्णय के बाद:

  • निर्णय सार्वजनिक होकर अधिकारियों द्वारा न्यायसंगत ढंग से जांच-समाप्ति के बाद अंतिम ड्यूटी दरें घोषित की जाती हैं।
  • यदि अंतिम निर्णय सकारात्मक होता है, तो स्थायी ड्यूटी आदेश (orders) लागू हो जाते हैं; अन्यथा मामला समाप्त हो जाता है Source Trade.gov+2Trade.gov+2

व्यापार, नीति और भारत पर संभावित प्रभाव

1. मूल्य कीमतों और प्रतिस्पर्धा पर असर

  • यदि AD/CVD लगते हैं, तो भारत, इंडोनेशिया और लाओस से निर्यात महँगा हो जाएगा।
  • इसका अर्थ है कि अमेरिकी खरीदारों कोसोलर पैनल तैयार करने वाले निर्माता या इंस्टॉलरमहंगी सामग्री खरीदनी पड़ेगी, जो अखिल अमेरिकी कीमतों में वृद्धि का कारण बन सकती है।

2. भारतीय सोलर उद्योग के लिए चुनौती

  • AD/CVD लागू होने से भारत से अमेरिका को निर्यात महँगा होकर कम आकर्षक हो सकता है।
  • भारतीय निर्यातकों को या तो लागत में कमी लानी होगी, या शुरुआत में शिपमेंट मॉडल या लक्ष्य बाजारों को बदलना हो सकता है।

3. वैश्विक व्यापार रणनीति की परख

  • यह कदम दिखाता है कि कैसे अमेरिका "उद्योग सुरक्षा" को बढ़ावा देने के लिए व्यापारिक उपाय अपनाता है।
  • यह नीति निर्माताओं को इस ओर इंगित करता है कि संयुक्त वैश्विक सप्लाई चेन के दौर में, प्रतिस्पर्धा और व्यापार संबंध नीति-निर्माता दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण रहेगी।

निष्कर्ष (Summary)

इस ब्लॉग में हमने विस्तारपूर्वक देखा:

  1. क्या हुआ?
    अमेरिका ने 7 अगस्त 2025 को भारत, इंडोनेशिया और लाओस से क्रिस्टलाइन सिलिकॉन सोलर सेल्स पर AD और CVD जांच शुरू कर दी।
  2. क्यों?
    आरोप है कि ये उत्पाद "डंपिंग" (न्यायिक मूल्य से बहुत कम कीमत) पर बेचे जा रहे हैं, और "डे मिनिमिस से ऊपर" सब्सिडी प्राप्त कर रहे हैं।
  3. कैसे आगे बढ़ेगा?
    • आई.टी.सी. (ITC) का प्रारंभिक निर्णय: ख़त्म समय2 सितंबर 2025
    • सकारात्मक होने पर, वाणिज्य विभाग की प्रारंभिक CVD—13 अक्टूबर 2025, AD—26 दिसंबर 2025
    • अंतिम निर्णयों के बाद शुल्क लागू या जांच समाप्त होगी।
  4. परिणाम और प्रभाव
    • निर्धारित ड्यूटी लागू होने पर अमेरिकी बाजार में भारतीय सोलर उत्पाद महँगे हो सकते हैं।
    • यह भारत समेत अन्य देशों के निर्यातकों के व्यापार निर्णयों को प्रभावित कर सकता है।

 

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